किसानों का फिर से दिल्ली चलो मार्च शुरू हो गया है। केंद्र सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए राजस्थान समेत पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली की ओर कूंच कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा इस किसान आंदोलन द्वारा दिल्ली चलो का नारा दिया गया है। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को एक दिन के लिए ग्रामीण भारत बंद का आह्वान भी किया है।
क्या है किसानों की प्रमुख मांगे!
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी को किसानों का कानूनी अधिकार बनाया जाएं।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को पूरी तरह से लागू किया जाएं।
मिर्च और हल्दी जैसे मसालों के लिए राष्ट्रीय बोर्ड का गठन किया जाएं।
किसानों और मजदूरों का पूरा कर्ज माफ हो। साथ ही 60 साल से ऊपर के किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन शुरू की जाएं।
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली हो। विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को निरस्त किया जाएं।
पिछले वाले किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को वापस लिया जाएं। साथ ही पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा दिया जाएं।
मनरेगा में हर 200 दिन काम और 700 रुपए दिहाड़ी मिले।
लखीमापुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों को के परिवार को नौकरी और दोषियों को सजा।
नकली बीज, कीटनाशक व खाद वाली कंपनियों पर सख्त कानून बनें।
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