इंदौर, मध्यप्रदेश जिले के किशनगंज थाना क्षेत्र में यूरिया मिलाकर नकली जैविक खाद बनाने का मामला सामने आया है। पिगडंबर स्थित माइक्रो एग्री बायो रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड द्वारा यूरिया मिलाकर अन्य नकली जैविक उर्वरक बनाए जा रहे थे। बिना अनुमति के यूरिया का उपयोग कर उर्वरक बनाने को लेकर कृषि विभाग ने किशनगंज थाने में फैक्ट्री संचालक डा. भारत भूषण शर्मा पर प्रकरण दर्ज कराया।
दरअसल, कृषि विभाग की टीम 9 फरवरी को पिगडंबर स्थित माइक्रो एग्री बायो रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड की जांच के लिए पहुंची थी। यहां फैक्ट्री संचालक डा. भारत भूषण शर्मा ने कृषि अधिकारियों को कागज मांगने पर नहीं दिखाए और उर्वरक के नमूने भी नहीं लेने दिए। टीम बाद में आने का कहकर लोट आई। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि टीम के दौरे के बाद शाम 12 फरवरी को ऑफिस पहुंचे और अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया।
कृषि विभाग की टीम ने 14 फरवरी को किशनगंज पुलिस के साथ निर्माण इकाई और गोदाम की जांच की। यहां से जांच के लिए उर्वरक के सैंपल लिए गए। यहां पर यूरिया, बायो फर्टिलाइजर, डोलोमाइट और ड्रम में कुछ घुले हुए पदार्थ पाए गए। मामले में शनिवार को किशनगंज थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है।
कृषि जागृति का सुझाव: अब धीरे धीरे किसान प्राकृतिक खेती और अग्रसर हो रहे है तो जैविक खाद के नाम पर अब नकली खाद बनने पर कुछ दोगले लोग लग गए हैं, लेकिन किसानों की चिंता करने की कोई बात नहीं है कृषि जागृति आपको बेहतर सुझाव देगा जैविक खाद के बारे में।
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