वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने काशी तृप्ति नामक मटर की एक नई किस्म विकसित की है। संस्थान का दावा है कि इस मटर का छिलका खाने से कैंसर, शुगर, मोटापा, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन से संबंधित खतरा कम हो जाता है। काशी तृप्ति मटर की इस नई किस्म में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट उपलब्ध है। साथ ही यह किस्म खस्ता फफूंदी रोग के लिए प्रतिरोधी है। इस किस्म की अच्छी बढ़वार के लिए ठंडे तापमान की आवश्यकता होती है।
बुआई के बाद लगभग 80 से 85 दिनों में फसल पककर तैयार हो जाती है। मटर की इस किस्म की खेती से प्रति हैक्टेयर 95 से 100 क्विंटल तक की पैदावार मिल सकती है। अपने स्वास्थ्य लाभ, उच्च उपज और खस्ता फफूंदी रोग के लिए प्रतिरोधी गुणधर्मों के कारण सब्जी बीज उत्पादक कंपनियों के बीज मटर की इस नई किस्म की मांग तेजी से बढ़ रही है। जिसके चलते इसकी कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित 120 प्रति किलोग्राम की दर से काफी बढ़ गई हैं।
काशी मुक्ति मटर एक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक किस्म है। यह उच्च पैदावार देने वाली और रोग प्रतिरोधी है। यह मटर प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज से भरपूर है और पाचन क्रिया, हृदय स्वास्थ्य, मधुमेह नियंत्रण और कैंसर से बचाव में मदद करता है। यह मटर उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो स्वादिष्ट और सेहतमंद भोजन करना चाहते हैं। यदि आप मटर की इस नई किस्म के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो आप भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
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