गर्मियों में भोजन में खीरे का एक विशेष स्थान होता है। लगभग 85 फीसदी पानी युक्त खीरे का इस्तेमाल मुख्य रूप से सलाद के लिए किया जाता है। खीरा विटामिन सी, विटामिन के, कॉपर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मैंगनीज और सबसे महत्वपूर्ण सिलिका जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरा पड़ा होता है। जिसके कारण इसका इस्तेमाल कई प्रकार के सौंदर्य उत्पाद में भी किया जाता है।
देश में लगभग सभी राज्यों में खीरे की खेती मुख्य फसल के रूप में की जाती है। जिसमें की गई उच्चित देखभाल और जैव उर्वरक प्रबंधन से एक अच्छी पैदावार ली जा सकती है। अगर आप भी करना चाहते हैं खीरे की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करना तो इन जैव उर्वरक का उच्चित प्रबंधन करने के लिए कृषि जागृति के इस पोस्ट में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
खीरे की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए ध्यान रखे ये जरूरी बातें
इसकी जैविक खेती के लिए सही समय एवं मौसम का चुनाव करें।
खीरे की जैविक खेती के लिए तापमान 20 डिग्री सेंटीग्रेट से 40 डिग्री सेंटीग्रेट के बीज होना चाहिए।
खेत तैयार करते समय 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद 5 से 10 टन प्रति एकड़ खेत में बिखेर कर एक बार गहरी जुताई करें।
खेत को खरपतवारों से मुक्त करने के लिए निरंतर निराई गुड़ाई करते रहे।
बीज की बुआई करने से पहले बीज को उपचारित कर लें। इसके लिए 10 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस से एक किलोग्राम बीज को उपचारित करें।
रोग एवं कीटों को नियंत्रण करने के लिए बीज की बुआई करने से पहले मिट्टी को उपचारित करें। इसके लिए 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद याद वर्मी कम्पोस्ट में 10 किलोग्राम जी-सी पावर और एक लीटर जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर प्रति एकड़ में इस्तेमाल करें।
समय समय पर सिंचाई और निरक्षण करते रहे ताकि कोई रोग व किट का प्रभाव दिखने पर तुरंत जैविक उपचार करें। खीरे की बुआई से 20 से 25 दिन बाद 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट में 10 किलोग्राम जी सी पावर को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।
पौधों में 4 से 5 पत्तियां आने पर 25 किलोग्राम यूरिया और 10 किलोग्राम जी-सी पावर को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में लगाए गए खीरे के पौधों में थाला बना कर प्रति पौधा 50 से 100 ग्राम इस मिश्रण को डालें। ध्यान रहे खेत में नमी बना रहे।
बुआई से 35 दिन बाद 25 किलोग्राम यूरिया में 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें। ध्यान रहे खेत में प्राप्त मात्रा में नमी बना रहें।
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