उत्तर प्रदेश सरकार इस साल मानसून के दौरान प्रदेश की हरियाली बढ़ाने के लिए 35 करोड़ से अधिक पौधे लगाने की तैयारी में जुट गई है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने पौधरोपण की व्यापक योजना के तहत तैयारियां तेज कर दी हैं। विभाग की नर्सरियों में इस समय 49.22 करोड़ पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जबकि बागवानी और रेशम उत्पादन विभाग की नर्सरियों में भी 1.88 करोड़ पौधे तैयार हो रहे हैं। इस तरह कुल मिलाकर 51.10 करोड़ से अधिक पौधों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मानसून अभियान के लिए नर्सरियों में कई प्रमुख प्रजातियों का उत्पादन हो रहा है। इमारती लकड़ी में सागौन, शीशम, चंदन, आबनूस, साल, ताड़, बांस और कत्था जैसे बहुमूल्य वृक्ष शामिल हैं। वहीं पर्यावरण के अनुकूल प्रजातियों में पीपल, बरगद, पलाश, ढाक और पवित्र अंजीर जैसे वृक्षों को प्राथमिकता दी जा रही हैं। वन विभाग की नर्सरियों में 27 से अधिक फलदार वृक्षों की प्रजातियां तैयार की जा रही हैं।
इनमें आम, अमरूद, बेल, भारतीय आंवला, कटहल, पपीता, नींबू, शहतूत, इमली और अनार जैसी लोकप्रिय प्रजातियां शामिल हैं। औषधीय और सुगंधित पौधों में सहजन, नीम, अर्जुन, अशोक और गुलाब जैसी प्रजातियां प्रमुख हैं।
चारा और सजावटी पौधों में कचनार, बकैन, सफेद, सिरिस, जकरांडा और बोटलब्रश जैसे सुंदर पौधों को भी जगह दी गई है। प्रधान मुख्य बन संरक्षक सुनील चौधरी ने जानकारी दी है कि इस बार भी हर साल की तरह फलदार पौधों का खास ध्यान रखा जाएगा, ताकि हरियाली के साथ साथ किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक लाभ भी मिल सके।
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