मध्य प्रदेश सरकार की मंत्रीमंडलीय बैठक में मध्य प्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति 2025 को स्वीकृति दी गई है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि, लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यों में इसके उपयोग को बढ़ावा देना है।
सरकार ड्रोन निर्माताओं को अनुदान और कर प्रोत्साहन देकर मध्य प्रदेश को ड्रोन उत्पादन और सेवाओं का प्रमुख केंद्र बनाना चाहती है। ड्रोन तकनीक के उपयोग से फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा, साथ ही किसानों को नई कृषि पद्धतियों का लाभ मिलेगा। इस नीति के तहत 30 करोड़ रुपए तक के निवेश पर 40 प्रतिशत पूंजी निवेश अनुदान दिया जाएगा।
इसके अलावा तीन सालों तक लीज रेंट पर 25 प्रतिशत अनुदान अधिकतम 5 लाख रुपए प्रति वर्ष और चिह्नित क्षेत्रों में 2 करोड़ रुपए तक का शोध एवं विकास अनुदान भी दिया जाएगा। राज्य सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में 370 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करना और इससे 8 हजार नए रोजगार जिसमें 2,200 प्रत्यक्ष और 6,600 अप्रत्यक्ष सृजित करना है।
वैश्विक ड्रोन बाजार के 2030 तक 144 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि भारतीय बाजार 13 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से फसलों में बीमारियों, कीट और पर्यावरणीय प्रभावों की शीघ्र पहचान संभव होगी। इससे जल संरक्षण बढ़ेगा और सिंचाई लागत में कमी आएगी, जिससे कृषि क्षेत्र को व्यापक लाभ होगा।
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