कभी सरसों उत्पादन के लिए दुनियाभर में मशहूर राजस्थान का अलवर जिला अब कृषि क्षेत्र में नए बदलाव का गवाह बन रहा है। किसानों ने पारंपरिक फसलों को पीछे छोड़ते हुए लाल प्याज की खेती को अपनाया है, जिससे यह राज्य की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बनता जा रहा है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, किसानों ने लाल प्याज को एक अत्यधिक लाभदायक फसल के रूप में पहचाना और बड़े पैमाने पर इसकी खेती शुरू कर दी, जिससे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ हुआ।
उनका कहना है कि अब पूरा अलवर क्षेत्र लाल प्याज की खेती के लिए समर्पित हो चुका है और किसान हर साल इसका उत्पादन बढ़ा रहे हैं।इस बढ़ती पैदावार ने अलवर को देश में लाल प्याज उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन दिया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिला है। पहले इस क्षेत्र में महाराष्ट्र का नासिक एकाधिकार रखता था, लेकिन अब अलवर तेजी से उसकी बड़ी प्रतिस्पर्धा के रूप में उभर रहा है। अलवर अब नासिक के प्याज बाजारों को टक्कर देने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
अलवर प्याज मंडी से जुड़े अभय सैनी ने बताया कि जिले और उसके आसपास के इलाकों में किसानों का रुझान लाल प्याज की ओर तेजी से बढ़ा है। उन्होंने बताया कि उत्पादन भी हर साल लगातार बढ़ रहा है, जिससे यह किसानों की आय का एक मजबूत जरिया बन गया है। इसका असर यह हुआ है कि अलवर जिले ने राजस्थान के लाल प्याज की बुआई के तय लक्ष्य का 81 प्रतिशत पूरा कर लिया है। इस साल अकेले जिले में 24,500 हैक्टेयर भूमि पर लाल प्याज उगाया गया है, जो प्रारंभिक अनुमानों से ज्यादा है।
उन्होंने कहां की प्याज उत्पादन के बढ़ने से किसानों को न केवल अधिक मुनाफा हो रहा है, बल्कि यह अब राजस्थान की अर्थव्यवस्था में भी अहम योगदान देने लगा है। वर्तमान में कम से कम एक लाख परिवार सीधे तौर पर लाल प्याज की खेती से जुड़े हुए हैं, जिससे लगभग 10 लाख लोगों की रोजी रोटी इसी पर निर्भर है।
इसके अलावा इस उद्योग में 50 हजार से ज्यादा लोग खेतों में मजदूरी, वितरण ओर बिक्री के कामों में शामिल हैं। सैनी ने कहां कि लाल प्याज की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए अलवर जिले में इसकी खेती और व्यापार के विस्तार पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में चार प्याज मंडिया कार्यरत हैं, लेकिन निकट भविष्य में इनकी संख्या ओर बढ़ने की संभावना है।
रामगढ़, किशनगढ़बास, तिजारा और अकबरपुर जैसे क्षेत्रों में उगाया जाने वाला लाल प्याज अपनी उच्च गुणवत्ता के लिए विशेष रूप से मशहूर है। अलवर का लाल प्याज अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी पहचान बना चुका है। यहां से प्याज खाड़ी देशों, कनाडा, अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार और नेपाल को निर्यात किया जाता है। इससे न केवल स्थानीय किसानों को अधिक लाभ मिलेगा बल्कि यह अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।
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