संयुक्त किसान मोर्चा यानि एसकेएम की राष्ट्रीय समन्वय समिति ने अमेरिकी उत्पादों के लिए भारतीय बाजार खोलने के प्रयासों का बड़ा विरोध करने का फैसला किया है। एसकेएम ने कहां कि यदि भारत ने अमेरिका से कृषि और डेयरी उत्पादों के आयात पर शुल्क में कटौती की, तो यह भारतीय किसानों, छोटे उत्पादकों और मेहनतकश लोगों के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत से निर्यात पर शुल्क बढ़ाने की धमकी के बावजूद केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया नरम रही। मोर्चा ने साफ किया कि वह अमेरिकी उत्पादों के लिए भारतीय बाजार खोलने के किसी भी प्रयास का कड़ा जवाब देगा और। भारतीय बाजार में अमेरिकी उत्पादों के प्रवेश का हरसंभव विरोध करेगा।
किसान संगठन ने केंद्र सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं को लागू करने के फैसले के खिलाफ 20 मई को होने वाली श्रमिकों की अखिल भारतीय हड़ताल का समर्थन करने का भी निर्णय लिया है। एसकेएम ने कहां कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और कर्ज माफी जैसे अहम मुद्दों को लगातार अनदेखा कर रही है।
एसकेएम ने पंजाब में किसानों के आंदोलन को दबाने की केंद्र सरकार की नीतियों पर कड़ा ऐतराज जताया। बयान में कहां गया कि सरकार जानबूझकर जायज मांगों को नकार रही है और किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए दमनकारी रणनीति अपना रही है। मोर्चा ने स्पष्ट किया कि वह सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने आंदोलन को और तेज करेगा।
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