बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने किसानों के हित में एक अहम घोषणा करते हुए कहां है कि राज्य सरकार प्याज किसानों को भंडारण संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए आधुनिक वैज्ञानिक भंडारण संरचनाओं पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी देगी। यह कदम फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को रोकने और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहां कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को केवल उत्पादक नहीं, बल्कि प्रबंधनकर्ता बनाना है, जो अपने उत्पाद को सहेज सकें, सही समय पर बेच सकें और अधिकतम लाभ कमा सकें। उन्होंने कहां की बिहार को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह एक ठोस कदम है।
विजय सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस योजना के क्रियान्वयन हेतु 4.5 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है। इस योजना का लाभ राज्य के 23 प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों को मिलेगा, जिसमें भोजपुर, बक्सर, कैमूर, औरंगादाब, रोहतास, समस्तीपुर, नालंदा, वैशाली सहित अन्य जिले शामिल हैं।
सरकार के अनुसार, प्याज भंडारण के लिए जिन संरचनाओं का निर्माण होगा, वे पूरी तरह वैज्ञानिक आधार पर होंगे और विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे व मापदंडों के अनुरूप बनाए जाएंगे। एक इकाई की कुल लागत 6 लाख मानी गई है, जिस पर सरकार 75 प्रतिशत यानी अधिकतम 4.5 लाख की सब्सिडी देगी। यह सहायता दो किस्तों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए किसानों के खाते में दी जाएगी।
गौरतलब है कि यह योजना मूल रूप से वित्त वर्ष 2023-24 में शुरू की गई सब्जी विकास योजना का ही विस्तार है, जिसके तहत भंडारण क्षमता को मजबूत करने की दिशा में कई प्रयास किए गए थे। अब प्याज पर विशेष ध्यान केंद्रित कर सरकार उत्पादन के बाद की समस्याओं को दूर करने की रणनीति अपना रही है।
राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना से न सिर्फ फसल की बर्बादी रुकेगी बल्कि किसानों को बाजार में उचित समय पर प्याज बेचने का विकल्प मिलेगा। अभी तक भंडारण की कमी के चलते किसानों को तत्काल बिक्री करनी पड़ती थी, जिससे या तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ता था यह उत्पाद खराब हो जाता था।
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