हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं उपमंडल के गलार्सी गांव के निवासी हरीमन शर्मा को उनकी असाधारण बागवानी उपलब्धियों के लिए पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है। उनकी मेहनत और अनुसंधान से हिमाचल के गर्म जिलों जैसे बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, मंडी ओर सोलन में सेब उगाना संभव हो सका है।
हरिमन शर्मा ने कम ऊंचाई ओर ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों के लिए सेब की खास किस्म HRMN 99 विकसित की। यह किस्म 700 मीटर की ऊंचाई ओर 40 से 46 डिग्री सेल्सियस तापमान में आम ओर अनार के साथ सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है। यह सेब की किस्म स्कैब रोग के प्रति प्रतिरोधी है और आर्थिक रूप से भी काफी लाभदायक साबित हुई है।
अब तक इस किस्म के 14 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं और एक लाख से अधिक बागवान इसका उपयोग कर रहे हैं। हरिमन शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में 1.90 लाख पौधे लगवाए हैं और लगभग छह हजार बागबानों को सेब उगाने में सफलता दिलाई है। शर्मा ने साल 1998 में अपने बगीचे में प्रयोग शुरू किए थे।
और आज उनके बागों में सेब के साथ-साथ आम, कीवी ओर अनार जैसे फलों की भी खेती हो रही है। हरिमन शर्मा को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान यानी आईएआरआई की ओर से आईएआरआई फैलो अवॉर्ड और राष्ट्रीय सम्मान मिल चुका है। उनकी यह उपलब्धियां न केवल हिमाचल के किसानों के लिए प्रेरणा, बल्कि बागवानी के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव भी लाई हैं।
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