प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अवसंरचना विकास कोष के तहत लागू किए जाने वाले पशुपालन अवसंरचना विकास कोष को अगले तीन सालों तक जारी रखने की मंजूरी दे दी। इसके लिए 29,610.25 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान में बताया गया है कि यह योजना डेयरी प्रसंस्करण और उत्पाद विविधिकरण, पशु चारा संयंत्र, नस्ल गुणन फार्म, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन ( कृषि- अपशिष्ट प्रबंधन) और पशु चिकित्सा वैक्सीन और दवा उत्पादन सुविधाओं के लिए निवेश को प्रोत्साहित करेगी।
सरकार द्वारा बताया गया है कि योजना शुरू होने के बाद से अब तक 141.04 एलएलपीडी (लाख लीटर प्रति दिन) दूध प्रसंस्करण क्षमता 79.24 लाख टन फीड प्रसंस्करण क्षमता को आपूर्ति श्रृंखला में जोड़कर गहरा असर डाला है। यह योजना डेयरी मांस और पशु चारा क्षेत्र में प्रसंस्करण क्षमता को आपूर्ति श्रृंखला में जोड़कर गहरा असर डाला है। यह योजना डेयरी, मांस और पशु चारा क्षेत्र में प्रसंस्करण क्षमता को 2 से 4 प्रति तक बढ़ाने में सक्षम है।
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष से लगभग 15 लाख किसानों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभावन्ती किया है। यह विस्तार 2020-23 के दौरान शुरू किए गए AHIDF के पहले चरण की सफलता पर आधारित है। पहले चरण में, 15,000 करोड़ रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की गई थी, जिससे 3.5 लाख से अधिक किसानों और उद्यमियों को लाभ हुआ था। AHIDF के विस्तार से पशुपालन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी, खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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