भारत में बैंगन की खेती अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के अलावा लगभग सभी जगहों पर की जाती है। बैंगन की खेती अलग-अलग किस्म के हिसाब से 8 से 12 महीनों तक चल सकती है। आप बैंगन की खेती कर के तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप किसान है और बैंगन की खेती कर अच्छा पैसा कमाना चाहते है तो कृषि जागृति के इस पोस्ट को जरूर पढ़े।
बैंगन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी: बैंगन की खेती के लिए किसी खास तरह की भूमि की आवश्यकता नहीं होती है, इसे किसी भी उपजाऊ भूमि में उगाया जा सकता है। भूमि उचित जल निकासी वाली अवश्य हो
जलवायु और तापमान: बैंगन के पौधों 25 से 30 डिग्री के तापमान पर अच्छे से विकास करते है, तथा यह अधिकतम 35 डिग्री औऱ न्यूनतम 13 डिग्री तापमान को ही सहन कर सकते है।
बैंगन की खेती का सही समय: बैंगन की फसल पूरे सालभर की जा सकती है लेकिन अक्टूबर और नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। किसान पहली फसल के लिए अक्टूबर में पनीरी बो सकते हैं जिससे नवंबर तक पनीरी खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाए। दूसरे फसल के लिए नवंबर में पनीरी बोनी चाहिए जिससे फरवरी के पहले पखवाड़ तक पनीरी खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाए।
बैंगन की उन्नत किस्में: स्वर्ण शक्ति, स्वर्ण श्री, पूसा हाईब्रिड-5, स्वर्ण श्यामली आदि किस्में अच्छी पैदावार देती है।
खेत तैयार करना: पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए, उसके बाद 3 से 4 बार हैरो या देशी हल चलाकर पाटा लगाएं। रोपाई से दस से पंद्रह दिन पहले खेत में सड़ी गोबर की खाद मिलानी चाहिए। शाम को रोपाई करनी चाहिए। पौधे से 60 गुणा 60 सेमी की दूरी रखनी चाहिए।
किस तरह के खाद और उर्वरक की जरूरत होगी: अगर बैंगन की अच्छी पैदावार चाहते हैं ताकि आपकी बढ़ियां कमाई हो तो पर्याप्त पोषक तत्वों की भी व्यवस्था होनी चाहिए। एक हेक्टेयर के खेत में 120 से 150 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 से 75 किलोग्राम फॉस्फोरस और 50 से 60 किलोग्राम पोटाश डालनी होगी। 200 से 250 क्विंटल गोबर की खाद भी डालनी चाहिए।
तुड़ाई और उत्पत्ति: फसल के अच्छे दाम के लिए पूरी तरह से पकने से पहले ही बैंगन की तुड़ाई कर लेनी चाहिए। ऐसे बैंगन की मांग बाजार में अच्छी रहती है। लेकिन तुड़ाई से पहले आपको उसके रंग और आकार का भी खास ध्यान देना चाहिए।
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