सरसों की फसल में सही समय पर सिंचाई करने और सही मात्रा में उर्वरक एवं जैविक खाद का प्रयोग करने से उत्पादन 25 से 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसलिए सरसों की फसल की पहली सिंचाई के समय उर्वरकों के प्रयोग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि आप सरसों की खेती कर रहे हैं तो अधिक उपज और उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त करने के लिए पहली सिंचाई के समय उर्वरक प्रबंधन की जानकारी कृषि जागृति के इस पोस्ट से प्राप्त कर सकते हैं।
अन्य फसलों की तुलना में सरसों की फसल को अधिक सल्फर तत्व की आवश्यकता होती है। सरसों की खड़ी फसल में पहली सिंचाई के बाद टॉप ड्रेसिंग आवश्यक है। टॉप ड्रेसिंग में नाइट्रोजन छिड़कें। पहली सिंचाई बुआई के लगभग 25 से 30 दिन बाद करनी चाहिए। इस समय फसलों में 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट के साथ 10 किलोग्राम जी प्रोम एडवांस, जी वैम मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव कर एक दिन के बाद सिंचाई करें।
इन जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल आप सिंचाई कर के भी छिड़काव कर सकते हैं लेकिन बेहतर होगा की छिड़काव करके ही सिंचाई करें। जिंक की कमी पूर्ति के लिए आप 500 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को भी मिला सकते हैं। Not: गैलवे कृषम के सभी जैविक उत्पाद की खासियत यह है कि ये ईको फ्रेंडली हैं और मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों तथा पर्यावरण के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं हैं।
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