भारत के फल और सब्जी निर्यात में पिछले पांच सालों में 47.3 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है। यह उपलब्धि मुख्य रूप से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण एपीडा द्वारा शुरू की गई वित्तीय सहायता योजनाओं और बाजार विस्तार पहलों के कारण संभव हुई है। एपीडा ने बुनियादी ढांचे के विकास, गुणवत्ता सुधार और वैश्विक बाजारों तक पहुंच को प्राथमिकता दी है,
जिससे भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ी है। पिछले तीन सालों में 17 नए बाजार जुड़े हैं, जिससे अब भारत के फल और सब्जी निर्यात का विस्तार 123 देशों तक हो चुका है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, 2019-20 से 2023-24 के बीच ताजे फलों और सब्जियों का निर्यात मूल्य 41.5 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 1.81 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
आपको बता दें कि वाणिज्य विभाग के अधीन कार्यरत एपीडा, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात संवर्धन योजना के माध्यम से निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह समर्थन तीन व्यापक क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचे का विकास, गुणवत्ता सुधार और बाजार संवर्धन में विभाजित है। पिछले तीन वर्षों में भारत ने सर्बिया में आलू और प्याज, कनाडा में बेबी कॉर्न और ताजे केले तथा ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में अनार के बीजों सहित कई वस्तुओं के लिए बाजार तक पहुंच प्राप्त की है।
हालांकि देश को अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन बाधाओं को दूर करने के लिए एपीडा और कृषि मंत्रालय बेहतर बाजार पहुंच के लिए बातचीत करने, रसद खर्च को कम करने के लिए समुद्री प्रोटोकॉल स्थापित करने और निर्यातकों के लिए पंजीकरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
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