केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा देश का बागवानी फसलों के रकबे और उत्पादन के लिए वर्ष 2022 से 23 का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है। इसके अनुसार, साल 2022 से 23 में देश में कुल 3519 लाख टन बागवानी उत्पादन का अनुमान हैं। बागवानी क्षेत्र में भारत विश्व में तीसरे स्थान पर है। भारत दुनिया में फलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और सब्जियों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में बागवानी का योगदान देश की जीडीपी में लगभग 5% है और यह लगभग 20 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
अग्रिम अनुमान की प्रमुख विशेषताएं
- कुल बागवानी उत्पादन में पिछले वर्ष के मुकाबले 47.4 लाख टन की बढ़ोतरी।
- फलों, सब्जियों, वृक्षारोपण फसलों, फूलों व शहद के उत्पादन में वृद्धि का अनुमान।
- फलों का उत्पादन 1083.4 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 1075.1 लाख टन पर था।
- सब्जियों का उत्पादन 2129.1 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 2091.4 लाख टन पर था।
- वृक्षारोपण फसलों का उत्पादन 160.5 लाख टन रहने का अनुमान है, जो विगत साल 157.6 लाख टन पर था।
- आलू का उत्पादन 605.4 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि वर्ष 2021 से 22 में यह 561.8 लाख टन पर था।
भारत सरकार बागवानी क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं चला रही है। इनमें राष्ट्रीय बागवानी मिशन, बागवानी विकास योजना और कृषि इनपुट सब्सिडी योजना शामिल हैं। इन कार्यक्रमों और योजनाओं से बागवानी क्षेत्र में उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार हुआ है। बागवानी क्षेत्र में भारत की प्रगति से देश के लोगों को पौष्टिक और स्वस्थ भोजन उपलब्ध हो रहा है। यह क्षेत्र किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण विकास में भी योगदान दे रहा है।
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