लौकी, करेला, खीरा जैसी फसलों में फल मक्खी किट का आतंक दिन प्रति दिनबढ़ता जा रहा है। इस किट के कारण फलों की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है और फल उपयोग के लायक नहीं रहते हैं। बात करे इस कीट के पहचान की तो वयस्क फल मक्खी लाल भूरे रंग की होती है। इनके शारीर पर पारदर्शी और चमकदार पंख होते है। पंखों पर पीली सुनहरी धारिया बनी होती ही हैं। और आकार में ये घरेलू मक्खियों से थोड़ी बड़ी होती हैं।
खीरे की फसल को फल मक्खी से होने वाले नुकसान
ये किट ज्यादातर नए खीरे के कोमल फलों पर हमला करती है।
ये फल मक्खियां खीरे के फलों पर हमला करती हैं और फलों की सतह पर छेद करती है।
ये मक्खी फलों में छेद करने के बाद उसमें अंडे देती है। जिससे फलों का गुदा खराब हो जाता है।
कई बार तो फलों का आकार भी विकृत हो जाता हैं एवं ज्यादा प्रोकप बढ़ने पर फल सड़ने लगते हैं।
खीरे की फसल में लगे फल मक्खी को नियंत्रण करने के जैविक विधि
फल मक्खी को नियंत्रण करने के लिए प्रभावित फलों को तोड़ कर नष्ट करें या जमीन में गड्ढा खोद कर गाड़ दें। वयस्क नर कीटों को फंसाने के लिए प्रति एकड़ खेत में 5 से 7 फल मक्खी ट्रैप यानिकि फेरोमोन ट्रैप लगाए। जिसमे से 4 खेत के चारों कोनों पर एक बीच में और दो बीज के आजू बाजू लगाएं।
फल मक्खी किट को नियंत्रण करने के लिए 150 लीटर पानी में एक लीटर जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें। बेहतर परिणाम के लिए 10 दिन के बाद पुनः स्प्रे करें। इसके अलावा 150 लीटर पानी में एक लीटर जी डर्मा या जी एनपीके को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें।
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आप आपने खीरे की फसल को विभिन्न रोगों एवं कीटो से बचाने की फसलों को निरंतर पोषक तत्व मौजूद कराते रहें। यह अधिक जानकारी के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर ले WhatsApp Group से जुड़े और बेहतर सुझाव प्राप्त करें।