मोटे अनाजों की मांग बाजार में एक उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहा है। बाजारों में मोटे अनाजों की मांग तेजी से बढ़ रही है और अब ये आलम है कि इसकी मांग ने इसके उत्पादन को पछाड़ दिया है। आईआईएमआर न्यूटी हब के सीईओ बी दयाकर राव ने बताया कि मोटे अनाज की बढ़ती मांग की तुलना में देश में इसका उत्पादन 40 प्रतिशत कम है। राव के मुताबिक पोषक अनाजों के प्रति बढ़ती जागरूकता ने इसकी मांग में उल्लेखनीय वृद्धि आई हैं।
हैदराबाद में हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज सम्मेलन के दौरान मांग और उत्पादन के बीच अंतर को पाटने के लिए मोटे अनाज के तहत क्षेत्रफल को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। मौजूदा समय में देश में 200 लाख टन मोटे अनाजों का उत्पादन होता है। इसे बढ़ाने के लिए जहां आम तौर पर इसकी खेती नहीं की जाती, ऐसे क्षेत्रों में इसके तहत क्षेत्रफल को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता को इंगित किया गया। आईआईएमआर के निदेशक सी तारा सत्यवती ने मोटे अनाजों में प्रौद्योगिकी में विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहां कि अब तक विकसित 262 किस्मों में से ज्यादा उपज देने वाली किस्मों को जारी करने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। आईसीएआर के डीजे यादव ने मोटे अनाजों की किस्मों और बीज की उपलब्धता में महत्वपूर्ण सुधार पर प्रकाश डाला। उन्होंने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बीज की उपलब्धता को कुछ सालों पहले के 4.5 लाख टन के मुकाबले मौजूदा समय में 8 लाख टन तक बढ़ाए जाने के प्रयासों की सराहना की।
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