रबी सीजन के दौरान अनुकूल मौसम की बदौलत इस साल मध्य प्रदेश में ड्यूरम गेहूं का उत्पादन में अच्छे इजाफे की उम्मीद है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान यानी आईएआरआई के क्षेत्रीय केंद्र, इंदौर के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य में इस साल ड्यूरम गेहूं का उत्पादन 90 लाख टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल के 80 लाख टन के आंकड़े से 10 लाख टन ज्यादा है।
आईएआरआई के क्षेत्रीय केंद्र प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक डॉ जंग बहादुर सिंह ने पीटीआई भाषा को बताया कि इस साल प्रदेश में लगभग 16 लाख हैक्टेयर भूमि में ड्यूरम गेहूं की बुआई की गई थी। इस बार रात के तापमान में गिरावट ओर अक्टूबर तक हुई अच्छी बारिश के चलते फसल को भरपूर फायदा मिला हैं।
गौरतलब है कि ड्यूरम गेहूं को मालवी या कठिया गेहूं के नाम से भी जाना जाता है। इसे मुख्य रूप से सूजी, दलिया और पास्ता बनाने के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसकी राष्ट्रीय ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों काफी मांग है, जिससे प्रदेश के किसान इसकी खेती की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। पिछले रबी सीजन में मध्य प्रदेश में लगभग 15 लाख हेक्टेयर में ड्यूरम गेहूं की खेती की गई थी। इस साल क्षेत्रफल में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है, जिससे 90 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इंदौर, उज्जैन और धार जिले राज्य में ड्यूरम गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक केंद्र बनकर उभरे हैं और प्रदेश में इसकी कुल खेती का 50 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं जिलों में होता है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि ड्यूरम गेहूं की बढ़ती पैदावार से किसानों को बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है, जिससे प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
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