गुजरात के अरावली जिले के धनसूरा तालुका के भैंसवाड़ा गांव के एक किसान अनिल भाई पटेल ने आलू कटाई के लिए एक अनूठा हार्वेस्टर मशीन विकसित किया है। तीन साल की मेहनत और 10 लाख रुपए के निवेश से तैयार यह मशीन किसानों को श्रमिक संकट और फसल खराब होने जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करेगी।
पटेल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि गुजरात और पूरे भारत में आलू किसानों को गर्मी के मौसम में मजदूरों की भारी कमी का सामना करते हैं। कटाई में देरी होने से कई बार फसलें खेत में ही सड़ जाती हैं। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 10 लाख रुपए की लागत से यह हार्वेस्टर विकसित किया, जो कटाई के लिए मजदूरों की निर्भरता घटाकर कटाई को अधिक कुशल बनाता है।
कैसे काम करता है ये हार्वेस्टर मशीन!
यह हार्वेस्टर मशीन ट्रैक्टर से आसानी से जुड़ जाता है और खेत से आलू निकालकर सीधे ट्रेलर में लोड करता है। पारंपरिक कटाई में जहां आलू लंबे समय तक सूरज के संपर्क में आने और अनुचित हैंडलिंग के कारण खराब हो सकते हैं, यह मशीन फसल की गुणवत्ता बनाए रखते हुए तेजी से कटाई सुनिश्चित करती है। साथ ही इस हार्वेस्टर के साथ कटाई से पारंपरिक तरीकों के मुकाबले नुकसान कम होता है, क्योंकि यह आलू को सुरक्षित तरीके से इकठ्ठा करता है।
पटेल ने कहां, जब हम खुद अपने किसानों के लिए समाधान विकसित कर सकते हैं, तो महंगी विदेशी मशीनों पर निर्भर क्यों रहे! उनका लक्ष्य इस हार्वेस्टर को जल्द ही अन्य किसानों के लिए उपलब्ध कराना है, जिससे गुजरात और देशभर में आलू की खेती में बड़ा बदलाव आ सकता है। किसान अनिल भाई पटेल के इस नवाचार में दिखाया है कि अगर सही दृष्टिकोण और प्रयास किए जाए तो भारतीय किसान आत्मनिर्भरता और नवाचार के लिए नए आयाम स्थापित कर सकते हैं।
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