बिहार के गंगा और अन्य नदियों से सटे जिलों में नीलगाय यानी घोड़परास ओर जंगली सूअरों ने फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों की फसलों और जानमाल की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने इन जानवरों को मारने का प्रावधान किया है। इसके लिए किसान अपनी ग्राम पंचायत की आधिकारिक वेबसाइट gp.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पंचायती राज निदेशक आनंद शर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर सूचित किया है कि ग्राम पंचायत सूअर को मारने का आदेश देने का अधिकार दिया गया है। इसके साथ ही इन जानवरों के शवों के निस्तारण के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग तथा पंचायती राज्य विभाग के संयुक्त दिशा निर्देशक लागू किए गए हैं।
किसान द्वारा आवेदन करने के बाद यह आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत के मुखिया के लॉगइन पर उपलब्ध होगा। मुखिया को दिए गए आईडी और पासवर्ड से आवेदक की प्रति डाउनलोड कर शूटर को ऑनलाइन भेजा जाएगा। शूटर की सूची के अनुसार आवेदन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को भेजा जाएगा।
मुखिया को विशेष आईडी और पासवर्ड प्रदान किया गया है, जिससे किसानों के आवेदन की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा सके। इसके तहत शूटरों की सूची तैयार की जाएगी और फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों पर नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य सरकार के इस कदम से किसानों को फसल बर्बादी से राहत मिलने की उम्मीद है।
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