नमस्कार किसान भाइयों, कृषि जागृति के इस पोस्ट में बताने वाले है की किसान अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए इस नए साल से प्रति एकड़ जैविक खेती करे। तो आइए जानते हैं कैसे? जैसा की आप सभी जानते है कि गलत खान-पान के कारण मानव शरीर में कई तरह की नई-नई बीमारियां आक्रमण कर रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि हमारे शरीर में वो एमन्यूटी सिस्टम मौजूद नहीं रह रहे है जिससे किसी भी तरह के रोगों से लड़ सके। इसलिए हमारे किसान भाइयों को पूरे भारत के लिए न ही सही कम से कम अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए प्रति एकड़ जैविक खेती करना नए साल से शुरू करें।
हमारे किसान भाइयों को प्रति एकड़ जैविक खेती करने के लिए सबसे पहले एक एकड़ खेत का चयन करें। फिर उस खेत को दो बार गहरी जुताई करें। खेत की गहरी जुताई करने के बाद कुछ दिनों के लिए खेत को खुला छोड़ दे। फिर एक दिन उस खेत के लिए मिट्टी उपचार करें। इसके लिए आपको 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई भुरभुरी थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट खाद में 10 किलोग्राम समुद्री शैवाल जी-सी पावर एक्सट्रीम एनर्जी और 10 किलोग्राम समुद्री शैवाल जी-प्रोम एडवांस एक्सट्रेनल एनर्जी, 500 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या 500 मिली जी-डर्मा प्लस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर प्रति एकड़ खेत में संध्या के समय छिड़काव करें।
इन जैव उर्वरकों का छिड़काव करने के बाद बाजार से उच्च गुणवत्ता के बीज प्राप्त करें। फिर बीज प्राप्त करने के बाद बीज को उपचारित करें। इसके लिए आपको 10 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या 10 मिली जी-डर्मा प्लस से एक किलोग्राम बीज को उपचारित कर 15 से 20 मिनट तक किसी छायादार स्थान पर हवा लगने के बाद खेत की दो जुताई करके बुवाई करें।
बीज बुवाई करने से पहले आप बीज परीक्षण भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको बाजार से लगाए गए बीज में से 11 या 21 बीज लेनी है और इस बीज को 0.5 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या जी-डर्मा प्लस से उपचारित कर किसी उचित स्थान पर बुवाई करें। फिर आपको निगरानी करती रहनी है। इससे आपको दो बाते मालूम होगी। पहली ये की बीज कितने दिन में अंकुरित हुए है और दूसरी की बोई गई बीज में से कितनी बीज अंकुरित हुई है।
जिससे आप बीज की अंकुरण प्रतिशत जान सकते हैं। इसके अलावा एक और तरीका है बीज का परीक्षण करने के लिए। इसके लिए आपको 100 मिली पानी लेना है और फिर इसमें बाजार से लाएं गए बीज में से 11 या 21 बीज डाल देनी है। ये कार्य संध्या के समय करे ताकि आप सुबह उठ कर देखे तो आपको पता लग जाए की बीज कितनी अंकुरित हुई हैं।
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