हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोलने के निर्देश दिए ताकि किसान अपनी कपास फसल में हुए नुकसान का ब्यौरा इस पोर्टल पर दर्ज करा सकें। इसके अलावा, उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को कपास फसल के नुकसान का आकलन करते हुए रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए ताकि राजस्व विभाग द्वारा आकलन रिपोर्ट के आधार पर फसल में हुए नुकसान पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकें।
कृषि मंत्री दलाल ने अधिकारियों को कपास में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से हुए नुकसान की भरपाई के लिए हर गांव में कपास फसल के लिए फसल कटाई प्रयोगों को दोगुना करते हुए 4 से 8 करने के भी निर्देश दिए ताकि नुकसान का सटीक आंकलन किया जा सकें। उन्होंने प्रयोगों की वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश दिए ताकि फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर कपास फसल में हुए नुकसान पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकें।
गौरतलब है कि राज्य में कलस्टर 2 के अधीन जिला अंबाला, करनाल, सोनीपत, हिसार, जिन्द, महेंद्रगढ़ व गुरुग्राम में जिन किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा नहीं हुआ उनके लिए राज्य सरकार द्वारा कलस्टर 2 हेतु हरियाणा फसल सुरक्षा योजना को कपास फसल के लिए किया गया हैं।
आवेदन जमा करने के बाद, संबंधित विभाग द्वारा फसल नुकसान का आकलन किया जाएगा। आकलन के आधार पर, किसान को मुआवजा दिया जाएगा। कपास फसल नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के तहत, किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाता है।
यह भी पढ़े: इन प्रतिबंधित रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करने पर हो सकती है किसानों को जेल
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए जुड़े रहे कृषि जागृति चलो गांव की ओर से। धन्यवाद