केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 में 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2025 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैशियम उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के तहत सरकार 37,216.15 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान करेगी, जो रबी 2024-25 की तुलना में 13 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। इस बढ़ी हुई सहायता से किसानों को उर्वरक उचित और सस्ती दरों पर मिल सकेंगे, जिससे खेती की लागत घटेगी और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना के तहत 28 ग्रेड के फॉस्फेटिक उर्वरकों को सब्सिडी मिलेगी, जिनमें प्रमुख रूप से डाई-अमोनियम फॉस्फेट, म्यूरिएट ऑफ पोटाश और नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उचित दरों पर खाद उपलब्ध कराना, खेती की लागत कम करना और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है।
मंत्रिमंडल ने सिंगल सुपर फॉस्फेट पर माल भाड़ा ढुलाई सब्सिडी को भी खरीफ 2025 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें सिंगल सुपर फॉस्फेट की ढुलाई लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों को यह खाद सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी। सरकार का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यूरिया, डाई अमोनियम फॉस्फेट, म्यूरिएट ऑफ पोटाश और सल्फर जैसे कच्चे माल की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उतार चढ़ाव होता रहता है।
इस सब्सिडी से किसानों पर अतिरिक्त लागत का बोझ नहीं पड़ेगा और उन्हें नियंत्रित कीमतों पर खाद मिलती रहेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2010 से पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना के तहत उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत सरकार उर्वरक कंपनियों को सब्सिडी देती है ताकि वे किसानों को किफायती दामों पर खाद उपलब्ध करा सकें।
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