कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने ताजे फलों के निर्यात की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए ताजे केलों की पहली परीक्षण खेप समुद्र के रास्ते निदरलैंड को भेजी गई। यूरोप में केले की परीक्षण खेप कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण पजीकृत आईएनआई फार्म्स द्वारा किया गया था, जो भारत से फलों और सब्ज़ियों का एक शीर्ष निर्यातक हैं।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष ने कार्यक्रम के दौरान उल्लेख किया कि निदरलैंड को केले का निर्यात शुरू होने से केलों के मूल्य में वृद्धि होगी और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह परीक्षण खेप भारतीय केले के लिए युरुपीय बाजार की महत्वपूर्ण निर्यात क्षमता वृद्धि करेगा।
गौरतलब है कि भारत विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश होने के बावजूद वर्तमान में वैश्विक बाजार में भारतीय केले का निर्यात का हिस्सा केवल 1 प्रतिशत ही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत ने 1760 लाख अमरीकी डॉलर के केले का निर्यात किया, जिसकी मात्रा 3.6 लाख टन के बराबर है। ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, उज़्बेकिस्तान, सऊदी अरब, नेपाल, कतर, कुवैत, बहरीन, अफगानिस्तान और मालदीव भारतीय केले के प्रमुख निर्यात स्थलों में शामिल हैं।
भारत अगले पांच वर्षों में एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के केले का निर्यात करने में सक्षम हो सकता है। इससे 25,000 से अधिक किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है और आपूर्ति श्रृंखला में 10,000 से अधिक लोगों के लिए प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण आजीविका का सृजन हो सकता है और अप्रत्यक्ष रूप से खेतों में 50,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकता हैं।
यह भी पढ़े: मोटे अनाजों के महत्व समझाने के लिए फिल्म बनाने की तैयारी में है सरकार
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद