उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से जीआई-टैग वाला प्रसिद्ध गुड अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहा है। पहली बार बांग्लादेश को 30 टन गुड की खेप निर्यात की गई है। वाणिज्य मंत्रालय ने इस पहल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि करार दिया है। यह निर्यात किसान उत्पादक संगठनों यानी एफपीओ और किसान उत्पादक कंपनियों यानि एफपीसी के माध्यम से संभव हो पाया है।
बृजनंदन एग्रो किसान उत्पादक कंपनी यानी एफपीसी इस निर्यात के पिछले मुख्य भूमिका में रही। इस कंपनी में 545 किसान सदस्य हैं, जिनमें दो महिला निदेशक भी शामिल हैं। यह संगठन गुड, गन्ना उत्पाद, बासमती चावल और दालों के निर्यात में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। बृजनंदन एग्रो को बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान से प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्राप्त हुई है, जिससे इसके किसान अंतरराष्ट्रीय उत्पादन और निर्यात मानकों का पालन कर सकें।
एपीडा के सहयोग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एफपीओ ने तीसरी बार कृषि निर्यात में सफलता हासिल की है। इससे पहले 2023 ओर 2024 में नीर आदर्श ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने लेबनान और ओमन को बासमती चावल का निर्यात किया था।
गौरतलब है कि यह एफपीओ उत्तर प्रदेश की कृषि निर्यात नीति के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाला एकमात्र संगठन है। इसे 4 लाख रुपए की सहायता राशि दी गई है, जिससे राज्य के छोटे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बनाने में मदद मिली है।
यह भी पढ़े: पीएम किसान योजना के अयोग्य लाभार्थियों से सरकार ने वसूले 416 करोड़ रुपए!