केंद्र सरकार चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य घटाने के लिए राजी हो गई है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चावल निर्यातकों के साथ हुई बैठक में बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 1,200 से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन करने के लिए सहमति जताई हैं। केंद्र सरकार द्वारा 25 अगस्त को बासमती चावल के निर्यात के लिए प्रति टन 1200 डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित किया गया था। हालांकि, निर्यातकों द्वारा लगातार इसको घटाने की मांग की जा रही थी।
निर्यातकों के मुताबिक ऊंचे निर्यात मूल्य के चलते वैश्विक बाजारों में भारतीय बासमती चावल प्रतिस्पर्धी नहीं रह पा रहा है और इसका खामियाजा घटते हुए निर्यात के रूप में देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार जल्द ही बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य घटाने के संबंध में अधिसूचना जारी की जाने की उम्मीद है। केंद्र सरकार के इस फैसले से चावल निर्यातकों को राहत मिलेगा। साथ ही निर्यातकों द्वारा खरीद बढ़ने से किसानों को भी धान का अच्छा भाव मिलेगा।
सरकार ने यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में बासमती चावल की कीमतों में गिरावट के मद्देनजर लिया है। अगस्त 2023 में, बासमती चावल का औसत निर्यात मूल्य 998 डॉलर प्रति टन था। एमईपी में कमी से किसानों को अधिक लाभ होगा, क्योंकि वे अपने उत्पादन को अधिक कीमत पर बेच सकेंगे। इसके अलावा, निर्यातकों को भी अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगा, क्योंकि वे बासमती चावल को कम कीमत पर बेच सकेंगे।सरकार का मानना है कि एमईपी में कमी से बासमती चावल का निर्यात बढ़ेगा, जिससे किसानों और देश की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
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