राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान 31 दिसंबर 2023 तक केंद्र सरकार द्वारा 18.44 लाख करोड़ रुपए के कृषि ऋण बांटे गए हैं। इसमें फसली ऋण की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत है, जबकि शेष 39 प्रतिशत सावधि ऋण है। इस दौरान बैंकों ने 18,44,767.32 करोड़ रुपए का कृषि ऋण वितरित किया। इसमें से 11,26,160.72 करोड़ रुपए फसली ऋण है, जबकि 7,18,606.60 करोड़ रुपए सावधि ऋण है।
आपको बता दें कि फसली ऋण किसानों को दिया जाने वाला एक अल्पकालिक ऋण होता है, जिसका पुनर्भुगतान आमतौर पर 1 से 2 सीजन में करना होता है। सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को 3 लाख तक का फसली ऋण दिया जाता है। आपको बता दें कि 31 दिसंबर, 2023 तक लगभग 7.36 करोड़ किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन लिया है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षो के दौरान कुल कृषि ऋण में फसली ऋण की हिस्सेदारी 7 से 8 प्रतिशत बढ़कर लगभग 77 प्रतिशत हो गई हैं।
इसकी तुलना में इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय औसत 59 से 61 प्रतिशत के आसपास रहा है। पश्चिम बंगाल में भी फसली ऋण वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राज्य में कुल कृषि ऋण में फसली ऋण की हिस्सेदारी 2019-20 में 24 प्रतिशत थी, जो 31 दिसंबर 2023 तक बढ़कर 42 प्रतिशत हो गई है। यह ऋण वितरण सरकार की किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह ऋण वितरण किसानों को अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर बनाने और अपनी आय में वृद्धि करने में मदद करेगा।
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