केंद्रीय उपभोक्ता कार्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 1 नवंबर से ई-नीलामी के जरिए 200 टन गेहूं खरीदा जा सकेगा। अब तक इस योजना के माध्यम से केवल 100 टन गेहूं खरीदने का प्रावधान था। सरकार ने कहां है कि खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने और गेहूं की कीमतों को स्थिर रखने के लिए यह निर्णय किया गया हैं। मंत्रालय के ने यह भी बताया कि देश भर में ई-नीलामी के माध्यम से कुल मात्रा भी 2 लाख टन से बढ़कर 3 लाख टन कर दी गई है।
गौरतलब है कि चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमत को नियंत्रण करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप की केंद्र सरकार की पहल के एक हिस्से के रूप में गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जाती हैं। सरकार ने यह कदम गेहूं की कीमतों को स्थिर रखने और खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाया है। पिछले कुछ महीनों में, गेहूं की कीमतों में तेजी देखी गई है। इसकी एक वजह यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ गई हैं।
सरकार का मानना है कि खुले बाजारों में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने से कीमतों में कमी आएगी। इसके अलावा, अधिक खरीद मात्रा के कारण अधिक खरीददारों को गेहूं उपलब्ध हो सकेगा। इसके अलावा, भारत में भी गेहूं की फसल इस साल अनुमान से कम हुई है। इसकी वजह से भी घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं।
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