केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद को बताया कि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान और कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि एआई का व्यापक रूप से उपयोग कर रही है। उन्होंने कहां की कृषि योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन और किसानों की मदद के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जा रहा है।
लोकसभा में लिखित उत्तर देते हुए चौहान ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देने के लिए सरकार ने एआई संचालित चैटबॉट किसान ई-मित्र विकसित किया है। यह कैटबॉट कई भाषाओं में उपलब्ध है और अन्य सरकारी योजनाओं में सहायता के लिए इसे और अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। मंत्री ने यह भी बताया कि फसल संबंधी समस्याओं जैसे कीट संक्रमण का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली में एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जा रहा है।
यह तकनीक समय पर हस्तक्षेप कर फसलों को स्वस्थ रखने में मददगार साबित हो रही है। चावल और गेहूं की फसलों के लिए फसल स्वास्थ्य आकलन के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है। इसके लिए उपग्रह डेटा, मौसम संबंधी जानकारी और मिट्टी की नमी के आंकड़ों के साथ फील्ड फोटोग्राफी का सहारा लिया जाता है। मंत्री चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए पीएमएफबीवाई वॉट्सएप चेतबॉट नामक एक ओर एआई संचालित चेतबॉट शुरू किया गया है।
फसल हानि आकलन में सुधार और परिणाम समय पर प्राप्त करने के लिए सरकार में पारंपरिक फसल कटाई प्रयोग आधारित उपज आकलन में यस टेक यानी टेक्नोलॉजी आधारित उपज आकलन प्रणाली को शामिल किया है। मंत्री ने बताया कि खरीफ सीजन 2023 से धान और गेहूं की फसलों के लिए और खरीफ 2024 से सोयाबीन की फसल के लिए यस टेक प्रणाली लागू की गई हैं। यस टेक के तहत उपज अनुमान में 30 प्रतिशत भार अनिवार्य रूप से टेक्नोलॉजी आधारित उपज पर दिया गया है।
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