कई क्षेत्र में खरीफ की फसल की कटाई शुरू हो गई है। ऐसे में कटाई के बाद खेतों में फसल के अवशेष रह जाते हैं, जिन्हें कई किसान अगली फसल की जल्दी बुआई के लिए जला देते हैं। इस प्रक्रिया से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है, जिसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए सरकार ने इसके निवारण के लिए किसानों को अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि उपकरणों पर भारी सब्सिडी दे रही है। इस हेतु किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान का लाभ दिया जा रहा है।
जानें, कौन से हैं यह 5 कृषि यंत्र
- हैप्पी सीडर मशीन
- प्रतिवर्ती हल मशीन
- पुआल बेलर मशीन
- मल्चर मशीन
- जीरो टिल बीज सह उर्वरक ड्रिल मशीन
किन किसानों को मिलेंगे इस योजना का लाभ
इस योजना के अंतर्गत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को प्राथमिकता दी जाती है। इन श्रेणियों के किसानों को इस कार्यक्रम के तहत सामान्य किसानों की तुलना में अधिक सब्सिडी मिलती है। कई राज्यों में इन किसानों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता का भी प्रावधान है। हरियाणा में सरकार किसानों को कृषि उपकरणों पर 50 फीसदी तक सब्सिडी देती है।
जबकि बिहार में सब्सिडी 50 से 80 फीसदी तक है। उत्तर प्रदेश में भी किसानों को कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दी जाती है। किसान उपरोक्त टॉप 5 कृषि यंत्रों सब्सिडी की अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। वहीं कृषि यंत्र योजना हरियाणा और कृषि यांत्रिकरण योजना बिहार, कृषि यंत्र अनुदान यूपी की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
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