बीते दिन राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए। राज्य में जरूरत से ज्यादा खाद खरीदने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही सरकार ऐसे व्यापारियों पर भी सख्त कार्रवाई करेगी जो किसानों को दूसरे उत्पादों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस फैसले के पीछे रबी सीजन में उर्वरकों की बर्बादी को रोकना है।
इस संदर्भ में राज्य के उप मुख्य सचिव कृषि ने सभी 75 जिलाधिकारियों (जिन्हें डीएम कहा जाता है) को सरकार के इस फैसले को सख्ती से लागू करने और उर्वरकों की बर्बादी रोकने के उपाय करने का निर्देश दिया है। सरकार ने यह निर्देश कुछ जिलों में उर्वरक के कुप्रबंधन के आपत्तिजनक मामलों के आधार पर जारी किया है। बताया जा रहा है कि जानकारी मिली थी कि कुछ जिलों में किसान जरूरत से ज्यादा यूरिया खाद खरीदकर भंडारण कर रहे हैं। इससे वहां के छोटे किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।
साथ ही सभी जिलाधिकारियों और कमिश्नरों को खाद का निरीक्षण करने और खाद के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे खाद की कालाबाजारी में शामिल न हों और केवल अधिकृत दुकानों से ही खाद खरीदें। उम्मीद है कि इन कदमों से खाद की कालाबाजारी पर रोक लगेगी और किसानों को समय पर और उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध होगी।
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