केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहां है कि भारत को जनसंख्या संसाधन और अवसरों की मदद से पशु पालन के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनना चाहिए। रूपाला ने नई दिल्ली में पशु स्वास्थ्य सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। पशु स्वास्थ्य क्षेत्र की समस्याओं का उल्लेख करते हुए रूपाला ने कहां कि सरकार पशुओं के लिए टीकाकरण की प्रतीक्षा अवधि को कम के उद्देश्य से काम कर रही है।
उन्होंने कहां कि टीकाकरण अभियान से जुड़े संस्थानों को एक रूपरेखा तैयार करनी चाहिए और इसकी सूचना सरकार को दी जानी चाहिए। रूपाला ने आश्वस्त किया कि सरकार टीकों से संबंधित सभी आवश्यक सहायता देगी। औषधीय की संभावना को लेकर रूपाला ने कहां कि पशुधन स्वास्थ्य क्षेत्र को यूनानी और आयुर्वेद चिकित्सा विकल्प की ओर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि ये कम खर्चीले हैं। उन्होंने वन हैल्थ के सामान्य एजेंडे पर काम करने की आवश्यकता का भी उल्लेख किया।
आपको बता दें कि एक दिवसीय पशु स्वास्थ्य सम्मेलन नवाचारी टीकों और सटीक निदान के साथ पशु स्वास्थ्य क्षेत्र को आकार देने पर आधारित था। सरकार इन नुकसानों को कम करने के लिए आवश्यक उपाय करेगी। इसके लिए सरकार टीकों की कीमतों को कम करने और टीकों के साइड इफेक्ट्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान देगी। सरकार का मानना है कि टीकाकरण प्रतिक्षण अवधि को घटाने से पशुओं के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार होगा, पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, और देश की कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
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