केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहां कि सरकार इस साल फरवरी के बाद पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति नहीं देगी। किसानों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। सरकार ने दिसंबर 2023 में पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी, जिसे घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए फरवरी 2024 तक तीन बार बढ़ाया गया था। इससे पहले, पीली मटर के आयात पर भारी शुल्क लगाया गया था।
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024 में रिकॉड 67 लाख टन दालों का आयात किया, जिसमें से 29 लाख टन केवल पिली मटर का हिस्सा था। अधिकांश आयात न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी दरों से कम कीमत पर किया गया, जो 56 से 85 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच है। इस स्थिति ने किसानों की आय को प्रभावित किया है।
दलहन सम्मेलन 2025 के दौरान प्रह्लाद जोशी ने कहां कि पीली मटर पर सीमा शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय मंत्रियों के एक समूह द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहां की सरकार घरेलू दलहन उत्पादन का आकलन करने के बाद तुअर, उड़द और मसूर के लिए मौजूदा मुक्त आयात नीति की समीक्षा करेगी। इस बीच, इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन के चेयरमैन बिमल कोठारी ने कहां कि आयातित दालों की कीमत एमएसपी से कम होने पर किसानों का उत्साह घट सकता है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार पीली मटर पर 15 से 20 प्रतिशत आयात शुल्क लगाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहां की अगर रबी दालों का उत्पादन अच्छा हुआ तो 2025 में दालों का कुल आयात घट सकता है। आईपीजीए ने सरकार से एक संतुलित आयात नीति अपनाने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आयातित दालों की कीमत एमएसपी से कम न हो और किसान प्रोत्साहित रहें।
यह भी पढ़े: वैज्ञानिकों ने विकसित किया बिना बीज वाला नारंगी तरबूज!
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती से संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें।