देशभर की मंडियों में गेहूं की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं, लेकिन सरकार आगामी रबी विपणन सत्र के दौरान अच्छी खरीद को लेकर आशावादी है। यह उम्मीद 2023 से 24 के सीजन में हुई खरीद आंकड़ों के अनुभव पर आधारित है, जब फसल कटाई से ठीक पहले 17 प्रतिशत महंगाई के बावजूद 40 प्रतिशत ज्यादा खरीद हुई थी। हालांकि 2022 से 23 में भारतीय खाद्य निगम FCI और अन्य एजेंसियों की खरीद 188 लाख टन पर सिमट गई थी, जो 16 वर्षों में सबसे निचला स्तर था।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहां, जनवरी-मार्च 2023 के दौरान गेहूं की महंगाई मौजूदा समय की तुलना में ज्यादा थी। बावजूद इसके खरीद 260 लाख टन को पार कर गई थी। इसके अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान द्वारा घोषित बोनस भी इस सीजन में गेहूं खरीद बढ़ाने में सहायक हो सकता है। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने पांच प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात और राजस्थान के खाद्य मंत्रियों के साथ दो दौर की चर्चा की है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय खाद्य सचिव सीजन चोपड़ा अगले महीने गेहूं उत्पादक सभी राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठकर खरीद के अनुमान को अंतिम रूप देने और कार्ययोजना तैयार करने की संभावना है। पिछले साल FCI ने 266.05 लाख टन गेहूं खरीदा, जिसमें इन पांच राज्यों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत थी। हालांकि 2024 में इन राज्यों से 162.1 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से केवल 43 प्रतिशत लक्ष्य यानी लगभग 70 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई थी।
केंद्र सरकार ने इस राज्यों से आग्रह किया है कि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अपनी जरूरत के अनुसार गेहूं की खरीद सुनिश्चित करें। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस महीने गेहूं का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 35.23 रुपए प्रति किलोग्राम है, जो एक साल पहले के 33.76 किलोग्राम से 4.4 प्रतिशत ज्यादा है। वही गेहूं का आटा 40.28 रुपए प्रति किलोग्राम बिक रहा है, जो पिछले साल 38.93 रुपए प्रति किलोग्राम था।
अधिकारियों का कहना है कि गेहूं की मौजूदा महंगाई दर न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोतरी से कम है। चालू रबी सीजन में 27 जनवरी तक गेहूं बुआई का क्षेत्रफल 324.38 लाख हैक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 315.63 लाख हैक्टेयर से 1.38 प्रतिशत ज्यादा है। इस साल का उत्पादन लक्ष्य 1,150 लाख टन रखा गया है, जो पिछले साल के रिकॉड 1,130 लाख टन से भी ज्यादा है।
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