जैसे की आप सभी जानते होंगे की खीरा में 96 प्रतिशत पानी होता है। और इसका ज्यादा इस्तेमाल हम सलाद बनाने के तौर पर किया जाता है। इसके पत्ते बड़े आकार के, फूल पीले रंग के और पौधे लताओं की तरह फैलते हैं। खीरे की फसल को फल मक्खी, पत्ती खाने वाली सुंडी, लाल कीड़ा आदि के प्रकोप से खीरे की फसल को बहुत नुकसान होता है। कृषि जागृति के इस पोस्ट में जानेंगे की फल छेदक किट खीरे की फसल में लगने पर इसके लक्षण और इनसे निजात पाने के लिए जैविक उपाय।
फल छेदक कीट के प्रकोप का लक्षण
- यह किट सबसे पहले खीरे के फूलों को खाकर नष्ट करते हैं।
- यदि खीरे के पौधों के फूलों में फल आए तो यह किट फलों में छेद करके अंदर चले जाते हैं।
- इस किट के कारण खीरे की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होता हैं।
इस किट से बचाव के जैविक उपाय
खीरे के खेत में खरपतवार न पनपने दे, बल्की निरंतर निराई गुड़ाई करते रहे। क्योंकि खरपतवार ज्यादा होने से इस कीट के लगने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
इस किट पर नियंत्रण पाने के लिए खीरे की फसल पर 150 लीटर पानी में एक लीटर जी-बायो फास्फेट एडवांस को मिलाकर कर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।
बेहतर परिणाम के लिए 10 दिन बाद 150 लीटर पानी में 100 किलोग्राम ताजी गोबर की खाद और एक लीटर जी-बायो फास्फेट एडवांस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत मे लगाए गए खीरे के पौधों में थाला बना कर एक से डेढ़ मांग जड़ों के आस पास डालें।
फिर खीरे की फसल में फूल निकलते समय 150 लीटर पानी के टैंक में 100 मिली जी-बायो ह्यूमिक और 100 मिली जी-सी लिक्विड को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें।
फिर खीरे की फसल में फल बनते समय 100 मिली जी-सी लिक्विड और 100 मिली जी-अमीनो प्लस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें।
जब फल गोटाने लगे तब इसके बाद किसी भी कीटनाशक का स्प्रे न करें बल्की गोटेदार फलों को तोड़कर नन्ही फलों पर कृषि जागृति द्वारा बताए जय जैविक कीटनाशकों का स्प्रे कर सकते हैं।
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कृषि जागृति के इस पोस्ट में बताए गए जैविक उपायों को अपना कर हमारे किसान भाई आसानी से खीरे की जैविक फसल पर फल छेदक कीट लगने से बचा सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी उच्चित और महत्वपूर्ण लगी हो तो अन्य किसान भाइयों को जागरूक करने के लिए अपने साथी किसान भाई को साझा करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे WhatsApp पर पूछ सकते हैं।