आलू की बुआई शुरू हो चुकी है और अब इस पर कीटों का हमला होने का खतरा बना हुआ है, इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि आप आलू की फसल को व्हाइट ग्रब कीट से कैसे बचा सकते हैं। सफेद ग्रब कीट मिट्टी में रहते हैं और उनका रंग हल्का सफेद, मोटा शरीर और गहरा भूरा मुंह होता है। इस कीट की लंबाई लगभग 18 मिमी और चौड़ाई 7 मिमी होती है।
इन सफेद कीटों का आक्रमण पौधे की जड़ों, तनों के साथ-साथ फलों को खाकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पौधे सूखने लगते हैं और आलू के कंदो में छेद दिखाई देने लगते हैं। आलू की फसल को वाइट ग्रेब कीटों से बचाने के लिए बुआई से पहले खेत की अच्छी तरह एक से दो बार गहरी जुताई कर दो से तीन दिनों या एक सप्ताह तक इसे खुला रहने दें। इससे मिट्टी में पहले से मौजूद कीड़े ऊपर आ जाएंगे और तेज धूप से नष्ट हो जायेंगे। फिर आपको खेत की मिट्टी को उपचारित करना होगा।
इसके लिए आपको 100 से 150 किलोग्राम सड़ी हुई भुरभुरी एवं थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में 10 किलोग्राम जी सी पावर प्लस जी प्रोम एडवांस प्लस एक 500 मिली जी-स्यूडो को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर कर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें सुबह या संध्या के समय। ध्यान रहे खेत में कच्चे गोबर इस्तेमाल न करे क्योंकि इसमें ये किट ज्यादा होते हैं। इस कीट से आलू की फसल बचने के लिए कंदो को उपचारित करें।
इसके लिए आपको 5 से 10 मिली जी-स्यूडो को प्रति लीटर पानी में मिला कर प्रति किलोग्राम ग्राम आलू के कंदो को 15 से 20 मिनट डुबो कर रखें फिर बाहर निकाल कर किसी छायादार स्थान पर 30 मिनट तक हवा में सुखा कर बुवाई करें। जब फसल 30 से 35 दिन की हो जाए तो 5 से 10 मिली जी स्यूडो को 15 लीटर पानी के टैंक में मिलाकर स्प्रे करें। आलू की पहली सिंचाई करने के 10 दिन बाद। आलू की पहली सिंचाई तब करे जब फसल 30 से 35 दिन की हो जाएं।
इसके लिए आपको 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी, भुरभुरी एवं थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में 10 किलोग्राम जी सी पावर प्लस 10 किलोग्राम जी प्रोम एडवांस प्लस 500 मिली जी स्यूडो को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर कर प्रति एकड़ खेत में सुबह या संध्या के समय छिड़काव कर सिंचाई करें।
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