सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी एसईए द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, चालू खाद्य तेल सीजन के पहले नौ महीनों के दौरान भारत का खाद्य तेल आयात 25.04 प्रतिशत बढ़ गया है। पाम उत्पादों के आयत में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई हैं।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, चालू सीजन की नवंबर से जुलाई अवधि के दौरान देश ने 121.22 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया, जबकि पिछले तेल वर्ष के इसी अवधि के दौरान खाद्य तेल का आयात 96.95 लाख टन पर था।
एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहां कि चालू तेल वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के दौरान खाद्य तेलों के आयत को देखते हुए आयात अगर 155 लाख टन पर पहुंच जाएं तो भी कोई आश्चर्य नहीं होगा। 2016 से 17 में खाद्य तेल का कुल आयात 151 लाख टन पर पहुंच गया था। उन्होंने कहां कि खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों में भारी गिरावट के साथ मांग लौट आई हैं।
मेहता ने कहां कि भारत के पास लगभग 45 दिनों की जरूरतों के लिए स्टॉक उपलब्ध है इसलिए आने वाले त्योहारी सीजन के दौरान आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में होगी। नतीजतन खाद्य तेल की कीमतों में उछाल की संभावना नहीं हैं। मेहता ने आगे कहां कि तिलहनी फसलों के हिसाब से इस साल मानसून अपेक्षाकृत अच्छा रहा हैं।
अधिकांश तिलहन उत्पादन क्षेत्रों में बुवाई के लिए पर्याप्त बारिश हुई है। 4 अगस्त तक देश भर के 179.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में तिलहनी फसलें बोई गई है, जबकि साल भर पहले की इसी अवधि के दौरान तिलहन का रकबा 175.1 लाख हेक्टेयर पर था।
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