देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान में वृद्धि देखने को मिल रही है। बढ़ते तापमान के चलते गेहूं के उत्पादन को लेकर चिंताएं काफी बढ़ गई थी। हालांकि कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों के बढ़ते हुए तापमान से गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान की कोई संभावना नहीं है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों के अधिकांश क्षेत्रों में कटाई हो चुकी है।
हरियाणा के करनाल स्थित भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहां उन हिस्सों में गेहूं की कटाई हो चुकी है जहां तापमान 41 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। मौसम विभाग के अनुसार यह गेहूं के लिए अब तक का सबसे अनुकूल मौसम है। जब तक अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के पार और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आता, तब तक फसल को कोई खतरा नहीं है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हरियाणा में अप्रैल के पहले सप्ताह में कटाई शुरू होने की उम्मीद है, जबकि पंजाब और उत्तर प्रदेश में किसान अगले महीने के दूसरे सप्ताह से कटाई शुरू करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की खरीद शुरू कर दी गई है। मध्य प्रदेश और राजस्थान से 27 मार्च तक 1,00,000 टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है।
यह दावा कि तापमान में बढ़ोतरी से गेहूं की खेती पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, पूर्ण रूप से सत्य नहीं है। तापमान बढ़ोतरी का गेहूं की खेती पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो कई कारकों पर निर्भर करता है। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि 2024 में तापमान बढ़ोतरी का गेहूं की खेती पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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