मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में मध्य प्रदेश और गुजरात समेत केंद्रीय मौसम विज्ञान उपखंड में औसत तापमान 1901 के बाद सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस असामान्य गर्मी का रबी फसलों पर अपेक्षाकृत कम असर पड़ा है और देश में बंपर पैदावार की उम्मीद रखी जा सकती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए कृषि मंत्रालय की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में रबी फसलों की अच्छी पैदावार की संभावना जताई गई। चौहान ने किसानों को उनकी फसलों का बेहतर मूल्य दिलाने पर जोर देते हुए अधिकारियों को ठोस व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
केंद्रीय बजट में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा के बाद कृषि मंत्री चौहान ने अधिकारियों से इस प्रक्रिया में तेजी लाने और मखाना किसानों से सुझाव लेने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि मंत्री हाल ही में बिहार दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने पीएम किसान योजना की किस्त वितरण प्रक्रिया की निगरानी की और तालाब में खड़े होकर किसानों से सीधे संवाद किया।
देश में ग्रीष्मकालीन फसलों यानी जायद की बुआई सुचारू रूप से जारी है। 21 फरवरी तक बुआई 22.32 लाख हैक्टेयर तक पहुंच गई, जो पिछले साल की इसी अवधि में 21.85 लाख हैक्टेयर थी। धान का रकबा बढ़कर 19.49 लाख हेक्टेयर हो गया है, लेकिन उड़द, मूंग समेत दालों और मोटे अनाज की बुआई में गिरावट आई है।
रबी सीजन में प्याज और आलू की बुआई पिछले साल से ज्यादा हुई है। प्याज का रकबा 10.29 लाख हैक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल से 1.66 लाख हैक्टेयर ज्यादा है। और आलू का रकबा 19.82 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो 0.31 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। हालांकि टमाटर की खेती में 2.41 लाख हैक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई।
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