सरकार ने पीली मटर के आयात को अगले साल 31 मार्च 2024 तक इम्पोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत रजिस्टर करना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम का मकसद उसकी घरेलू उपलब्धता बढ़ाना है। विदेश व्यापार महानिदेशालय के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 से प्रतिबंधित आयात नीति और संबंधित नीति शर्तें लागू होंगी। आपको बता दें कि इस बार मटर की अच्छी बिजाई हुई है और इसलिए उत्पादन भी 7 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
यदि कनाडा तथा रूस से 31 मार्च 2024 तक 4 से 5 लाख टन का आयात हो जाता है तो इसकी उपलब्धता 11 से 12 लाख टन टी पहुंच सकती है। इससे कीमतों में तेजी की संभावना घट जाएगी और चना की खपत में भी कुछ कमी आ सकती है। मटर का भाव नीचे में 4400 से 4500 रुपए से लेकर ऊपर में 5400 से 5500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बताया जा रहा है। आगे इसमें कुछ और नरमी आने की संभावना है।
इस फैसले का उद्देश्य देश में दालों की कीमतों को नियंत्रित करना है। पीली मटर एक महत्वपूर्ण दाल है और इसका उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है। हाल के महीनों में, दुनियाभर में दालों की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे भारत में भी दालों की कीमतें बढ़ी हैं। सरकार का मानना है कि यह फैसला दालों की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
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