भारत एक कृषि प्रधान देश है। जहां लाखों की संख्या में आज भी किसान खेती करते है और लाखों कि आय कमाते है। अब खेती के लिए युवा भी बढ़-चढ़ कर आगे आ रहे है और अपना करियर बना रहे है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के युवा किसान अमर चंद्राकर ने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ खेती को अपना करियर चुना। अमर चंद्राकर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वह घर लौटें तो उन्होंने खेती करने का फैसला लिया। जिसके बाद अपने आधुनिक अध्ययन और तकनीकी के मदद से अमर चंद्राकर कृषि को आगे ले जा रहे है।
अपने पिता से हुए प्रेरित
अमर चंद्राकर ने अपनी सफलता कि कहानी बताते हुए कहा की कुछ साल पहले उनके पिता अरुण चंद्राकर ने परम्परागत तरीके से चल रही खेती के बीच ही गुलाब की खेती का छोटा सा प्रयोग किया था। जिसके बाद उनके पिता ने 400×400 वर्ग मीटर क्षेत्र में गुलाब के पौधे भी लगाए थे। जिससे प्ररित होकर अमर चंद्राकर ने गुलाब कि खेती करने का फैसला लिया। वहीं अब अमर चंद्राकर कि सफलता को देखकर हर कोई कृषि करने के लिए प्रेरित हो रहा है। उद्यान विभाग से फूलों की खेती का प्रशिक्षण लेकर उन्होंने अब गुलाब की खेती का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए इसे झरबेरा और सेवंती के फूलों की खेती तक पहुंचा दिया है।
1 लाख रुपए तक का होता है इनकम
चंद्राकर ने बताया कि फूलों की खेती से नियमित आय होती है। उन्होंने एक-एक एकड़ के दो खेतों में झरबेरा के फूल की खेती 2020-21 में प्रारम्भ की थी। इससे उन्हें प्रति माह लगभग 1 लाख रुपये की बचत हो जाती है। इस काम में उन्होंने 35 श्रमिकों को नियमित रोजगार भी दिया है। अब वह फूलों की खेती का रकबा बढ़ाकर 6 एकड़ करने जा रहे हैं।
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