मोदी सरकार ने 2014 में वादा किया था कि वह किसानों की आय पांच साल में दोगुना करेंगे। यह एक महत्वपूर्ण वादा था जिसने किसान समुदाय को उम्मीद और आशा दी थी। हालांकि, इसके बावजूद, कुछ चुनौतियां और अवसरों के बीच, इस वादे को पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। इसलिए मोदी सरकार किए हुए वादे को पांच साल में पूरा नहीं कर पाई है, लेकिन प्रयास जारी हैं।
किसानों की आय को दोगुना करने का वादा करने के पीछे एक मुख्य उद्देश्य था – किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना और उनके जीवन को सुखद बनाना। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं जैसे कि किसानों को सस्ता कर्ज, बीमा योजनाएं, और बेहतर न्यायपूर्ण मूल्य निर्धारण देना। हालांकि, कई मुद्दों ने इस वादे को पूरा करने में बाधा डाली है।
यहां कुछ मुख्य चुनौतियां हैं:
अधिकारिक तौर पर किसानों की आय को दोगुना करने के लिए एक नीति या योजना नहीं है। इसके बजाय, कई योजनाएं और कदम अलग-अलग मंत्रालयों के अधीन हैं और उनका संचालन अधिकांशतः राज्य सरकारों के हाथ में होता है।
बाढ़, सूखा, और अन्य प्राकृतिक आपदाएं अक्सर किसानों की आय को प्रभावित करती हैं। इन मुद्दों को संघर्ष करने के लिए उचित मार्गदर्शन और सहायता की आवश्यकता होती है।
किसानों को नए और उचित बाजारों तक पहुंचने के लिए और उनकी आय को बढ़ाने के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होती है।
इन चुनौतियों को संघर्ष करने के लिए सरकार को अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि किसानों की आय पांच साल में दोगुना हो सके। अब देखना ये है की मोदी सरकार सच में किसानों की आय और अगले पांच साल में दोगुनी कर पाते है या नहीं।
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