मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्रीय पूल में गेहूं के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को 175 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की है। यह कदम किसानों को समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए प्रेरित के लिए उठाया गया है। बोनस के साथ, सरकार किसानों से 2600 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं खरीदेगी।
मध्य प्रदेश केंद्रीय पूल में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, लेकिन हाल के सालों में इसके योगदान में गिरावट देखी गई है। पिछले साल सरकार ने 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिले।
2020 में मध्य प्रदेश ने 129 लाख टन गेहूं का योगदान दिया, जिससे वह शीर्ष योगदानकर्ता बना। 2021 में केंद्रीय पूल में 128 लाख टन गेहूं की आपूर्ति की गई। 2022 में यह योगदान घटकर 46 लाख टन रह गया। 2023 में मध्य प्रदेश ने 48 लाख टन गेहूं खरीदा, जबकि लक्ष्य 71 लाख टन था। केंद्र सरकार ने इस साल 310 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है।
जिसमें से 80 लाख टन मध्य प्रदेश से खरीदा जाएगा। इसके लिए राज्य में 4000 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां लगभग 3 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है। मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान सरकार ने भी किसानों को 150 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है।
यह भी पढ़े: कपास की सरकारी खरीद 94 लाख गांठ पार होने पर कीमतें समर्थन मूल्य से नीचे!
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती से संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें।