कीटनाशक बेचने की दुकान खोलने के लिए अब कृषि विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य हो गया है। इस लाइसेंस के बिना कीटनाशक नहीं बेचे जा सकते। अब ऐसे औषधि विक्रेताओं को फसलों में कीट एवं रोगों के प्रकोप की रोकथाम के लिए विभागीय पाठ्यक्रमों में पंजीयन कराना एवं प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा। आपको बता दें कि कीटनाशकों का इस्तेमाल फसलों को बचाने के लिए किया जाता है। इन दवाओं को बेचने के लिए संबंधित डिप्लोमा और लाइसेंस की आवश्यकता होगी।
ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कृषि विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बिना लाइसेंस और डिप्लोमा के कीटनाशक बेचने वाले कई लोग अब जांच के दायरे में आ सकते हैं। इस निर्धारित प्रक्रिया के बिना बिक्री करने पर इन विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन विक्रेताओं के पास लाइसेंस नहीं होता है उनके पास उचित जानकारी नहीं होती है ऐसे में कीटनाशक बेचने के कई मामलों में किसानों को गलत दवा मिल जाती है, जिससे उनकी खेती में नुकसान होता है और स्वास्थ्य और जानवरों के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।
पूरी जानकारी के लिए कृपया आप अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करें। यह आदेश 31 जनवरी 2024 से लागू हो जाएगा। इससे पहले कीटनाशक बेचने के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं थी। इस आदेश के लागू होने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि कीटनाशक का उपयोग सही तरीके से किया जाए और किसानों को इससे कोई नुकसान न हो।
यह भी पढ़े: इस राज्य में पिछले साल की तरह नहीं है यूरिया की किल्लत, किसानों को मिली इस बार राहत
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद