छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा क्षेत्र के किसानों के लिए राज्य सरकार की सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत अब तक क्षेत्र में 1,222 किसानों के खेतों में सौर सिंचाई पंप लगाए जा चुके हैं, जिससे किसान अब निर्बाध सिंचाई सुविधा का लाभ उठाकर अपनी फसल को और अधिक लाभकारी बना रहे हैं।
बारनवापारा क्षेत्र में 2 हॉर्स पावर के 3, 3 हॉर्स पावर के 615 और 5 हॉर्स पावर के 604 सौर पंप स्थापित किए गए हैं। यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद साबित हुई है, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुंची थी या जो महंगे सिंचाई संसाधनों के अभाव में फसलों का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
ग्राम डेबी के किसान नियानंद बताते हैं कि पहले सिंचाई की सुविधा न होने से उनकी सालाना आमदनी सिर्फ 25 से 30 हजार रुपए थी। लेकिन सौर पंप लगने के बाद अब वे धान के साथ आलू, टमाटर और बरबटी जैसी सब्जियां उगाकर अपनी आय तीन से चार गुना तक बढ़ा चुके हैं।
इसी तरह बंशराम चौहान, बसंत कुमार कैवरत्य, अमरु राम, धनीराम बिंझवार और गौरी बाई दीवान सहित कई अन्य किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।
पहले किसान नदी नालों से डीजल पंप के जरिए सिंचाई करने को मजबूर थे, जिससे उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा ईंधन खर्च में चला जाता था। लेकिन अब सौर सुजला योजना के तहत मात्र 24,800 रुपए में सौर पंप मिलने से उनकी यह समस्या पूरी तरह खत्म हो गई है।
पंप की लगात और अनुदान
3 हॉर्स पावर के सौर पंप के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को 10 हजार रुपए, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15 हजार रुपए और सामान्य वर्ग के किसानों को 21 हजार रुपए का अंशदान देना होता है।
जबकि 5 हॉर्स पावर के सौर पंप के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 15 हजार रुपए, अन्य पिछड़ा वर्ग को 20 हजार रूपये और सामान्य वर्ग के किसानों को 25 हजार रुपए का अंशदान देना होता है।
कैसे उठाएं इस योजना का लाभ!
सौर सुजला योजना का लाभ लेने के लिए किसान कृषि विभाग, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और क्रेडा विभाग के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। सिंचाई के लिए नदी, नाले, कुएं और नलकूप प्राथमिकता से चिन्हित किए जाते हैं, ताकि अधिकतम किसानों को लाभ मिल सके।
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