केंद्र सरकार द्वारा 7 दिसंबर से प्याज के निर्यात पर रोक लगाई गई थी। सरकार के इस फैसले के बाद से थोक बाजार में प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। प्याज की कीमतें निर्यात प्रतिबंधों के पहले के स्तर से लगभग आधी हो गई है। एगमार्कनेट के आंकड़ों के अनुसार पर प्रतिबंध के फैसले से पहले 6 दिसंबर को महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज की कीमतें 3,900 रुपए प्रति क्विंटल पर थी, जो 20 दिसंबर को घटकर 1,900 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई हैं।
व्यापारियों के मुताबिक निर्यात प्रतिबंध के फैसले के बाद से मंडियों में आवक काफी बढ़ी है। इसके चलते कीमतों पर दबाव बना हुआ है। अगले कुछ दिनों में कीमतों में और कमी आ सकती है। प्याज की कीमतों में इस गिरावट से किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है। यह संभावना है कि प्याज की कीमतें कम रहेंगी जब तक कि निर्यात पर प्रतिबंध नहीं हटा दिया जाता है। यह किसानों के लिए मुश्किल समय होगा, लेकिन यह उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा।
प्याज की कीमतों में गिरावट उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है, लेकिन किसानों के लिए यह चिंता का विषय है। सरकार को किसानों की मदद करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध का घरेलू बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्याज की कीमतें आधी हो गई हैं, जिससे उपभोक्ता खुश हैं। हालांकि, किसान चिंतित हैं कि उन्हें नुकसान होगा। यह देखना बाकी है कि निर्यात प्रतिबंध का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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