अगले कुछ दिनों में अल नीनो का प्रभाव बनी रहने की संभावना है। माना जा रहा है कि अब अल नीनो दुनिया के प्रमुख पाम तेल उत्पादक क्षेत्रों को प्रभावित करने की संभावना है। अल नीनो के असर के चलते 2024 की दूसरी छमाही में प्रमुख पाम तेल उत्पादक क्षेत्रों में इसका उत्पादन प्रभावित हो सकता है। विश्व बैंक के जिस उत्पादन के अनुमान में बताया गया है कि अगस्त और अक्टूबर के बीच इंडोनेशिया के कई हिस्सों में अल नीनो का असर देखा गया हैं।
जिसके चलते 2023-24 में पास तेल के उत्पादन में केवल 20 लाख टन की वृद्धि देखने को मिल सकती है, जो पिछले दस सीजन के 25 लाख टन की औसत वार्षिक वृद्धि से बहुत कम हैं। अनुसंधान एजेंसी बीएमआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल इंडोनेशिया में विशेष रूप से सुमात्रा और कालीमंतन द्वीपों के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हुई है। पिछले तीन महीनों में तो बारिश तुलनात्मक रूप से बहुत कम रही है।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि अल नीनो का प्रभाव आम तौर पर 7 से 8 महीनों के बाद देखा जाता है। उन्होंने कहां कि मान लीजिए कि सितंबर-अक्टूबर अल नीनो महीने हैं, तो अप्रैल-जून 2024 में इसका असर दिखना बिलकुल सामान्य है। इससे निश्चित रूप से उत्पादन घटेगा। विभिन्न वैश्विक मौसम एजेंसियों ने भविष्यवाणी की है कि अल नीनो के मार्च 2024 तक मजबूत बने रहने की उम्मीद है और इसका असर जून 2024 तक देखने को मिल सकता हैं।
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