केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पारदर्शिता करने के उद्देश्य से किसानों के लिए चेहरे की पहचान और आधार सत्यापन आधारित ई-केवाईसी की शुरुआत की है। ई-केवाईसी या इलेक्ट्रॉनिक पहचान सत्यापन एक प्रक्रिया है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति की पहचान को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित करने के लिए किया जाता है। ई-केवाईसी का उपयोग अक्सर बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और सरकारी योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए किया जाता है।
लोकसभा में प्रश्नकाल में पूरक प्रशन के जवाब में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहां कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत धनराशि हासिल करने के लिए अनेक फर्जी प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए 13वां प्रधानमंत्री किसान कोष जारी करने के बाद नया ई-केवाईसी शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि इसकी प्रक्रिया बहुत सरल है और इसे एक मोबाइल एप के जरिए भी पूरा किया जा सकता है।
गौरतलब है कि सरकार ने पीएम किसान योजना के तहत 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के लिए 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की है। सरकार की ओर से इस योजना में हर वर्ष 6,000 रुपए किसानों के बैंक खातों में अंतरित किए जाते हैं। ये राशि दो दो हजार रुपए की तीन समान किस्तों में भेजी जाती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए नई ई-केवाईसी प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है जो योजना में पारदर्शिता, जवाबदेही और पहुंच को बढ़ाने में मदद करेगा।
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