देश में इस साल गेहूं की बंपर फसल की संभावना और तेज सरकारी खरीद को देखते हुए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राज्यों को गेहूं का अतिरिक्त आवंटन देने की तैयारी में है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि अतिरिक्त आवंटन की मात्रा अभी तय नहीं की गई है, लेकिन इसके संकेत स्पष्ट हैं कि सरकार आने वाले महीनों में वितरण व्यवस्था को और मजबूत करने के पक्ष में है।
अक्टूबर 2024 से सरकार ने मुक्त राशन योजना के तहत अतिरिक्त 35 लाख टन अनाज का आवंटन करते हुए गेहूं की आंशिक बहाली की अनुमति दी थी, जिससे सालाना कुल आवंटन लगभग 220 लाख टन हो गया था। यह आवंटन मार्च 2025 तक के लिए मान्य है। हालांकि यह अब भी मई 2022 से पहले की पीडीएस व्यवस्था से थोड़ा कम है, जब राज्यों को अधिक मात्रा में गेहूं मिलता था।
केंद्र सरकार ने मई 2022 में गेहूं के कम उत्पादन और सरकारी खरीद में गिरावट के चलते बजटीय सीमाओं का हवाला देते हुए 10 राज्यों जैसे- बिहार, झारखंड,ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु को दिए जाने वाले गेहूं में कटौती कर दी थी। ये राज्य देश के लगभग 81.3 करोड़ गरीबों में से 55.1 करोड़ गरीब लोगों को कवर करते हैं, जो गरीब कल्याण योजना के तहत प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज चावल या गेहूं के हकदार हैं।
इस साल अब देश में गेहूं के उत्पादन में वृद्धि की संभावना और भी बेहतर दिख रही है। गेहूं प्रसंस्करण उद्योग ने चालू वर्ष में 1100 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान जताया है, जबकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल देश में रिकॉड 1153 लाख टन गेहूं के उत्पादन की उम्मीद है। ऐसे में केंद्र सरकार अतिरिक्त आवंटन की ओर कदम बढ़ा सकती है, जिससे खाद्य सुरक्षा को ओर मजबूती मिलेगी।
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