तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने कहां है कि कटाई के समय जनवरी-फरवरी में सत्रम किस्म की लाल मिर्च की कीमतें लगभग 200 रुपए से 210 रुपए प्रति किलोग्राम तक रहने की संभावना है, जो पिछले साल के रुपए 175 से 180 रुपए प्रति किलो के स्तर से ज्यादा हैं। कटाई के समय कीमतों में संभावित उछाल के मद्देनजर तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को सत्रम किस्म की लाल मिर्च की बुवाई की सलाह दी गई है। हालांकि, उत्तर-पूर्वी मानसून और अन्य उत्पादक राज्यों से आवक के आधार पर कीमतों में बदलाव देखने को मिल सकता है।
कृषि मंत्रालय के 2022-23 के लिए पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान, देश भर में 8.52 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में लाल मिर्च की खेती की गई है और इसका उत्पादन 19.58 लाख टन रहने की संभावना हैं। लाल मिर्च की कीमतों में तेजी से आम लोगों की रसोई पर असर पड़ सकता है। लाल मिर्च के उपयोग से कई तरह की सब्जियां और व्यंजन बनाए जाते हैं। लाल मिर्च की कीमतों में तेजी से इनकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
लाल मिर्च की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए। सरकार को आयात बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए। इसके अलावा, किसानों को लाल मिर्च की खेती के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। सरकार लाल मिर्च की कीमत को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय कर सकती है। इसमें लाल मिर्च का आयात बढ़ाना, उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन देना और स्टॉक को नियंत्रित करना शामिल है।
यह भी पढ़े: किसानों के लिए भंडारण योजना लाने की तैयारी में हैं सरकार, जानिए क्यों?
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद